जायद में सब्जियां उगाकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं किसान, बुआई का यह सही समय
by
Neelam
Posted on
06-February-2018 2:31:29 PM
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रबी की फसल के बाद और खरीफ की फसल की तैयारियों से पहले जायद में सब्जियों की खेती कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते है। इस दौरान खासतौर से कुष्मांड किस्म की सब्जियां अधिक होती है। इनके पौधे बेलनुमा होते हैं। ये सामान्य मेहनत में अच्छी आमदनी देते हैं। इनमें तरबूज, खरबूजा, कद्दू, तुरई, लौकी, पैठा, चिरचिंडा, परवल, ककड़ी, टिंडा, खीरा और करेला आदि हैं। ये सभी नकदी फसलें हैं।
बुआई का समय :
आमतौर पर इन सब्जियों वाली फसलों की बुआई का समय 1 फरवरी से 10 मार्च के बीच का होता है। इस अवधि में बुआई करने से गर्मी के आगमन तक कटाई की स्थिति बन जाती है।
तापमान और भूमि का सुधार:
बेलों वाली इन फसलों के लिए आमतौर पर 25 से 30 डिग्री तक का तापमान जरुरी होता है। इन पर पाले का काफी असर होता है। इनके लिए उपजाऊ दोमट भूमि जहां पानी का निकास अच्छा हो उत्तम रहती है। सब्जियां उगाने से पहले खेत को अच्छी तरह से गहरी जुताई कर तैयार कर लेना चाहिए।
बीजोपचार :
कुष्मांड कुल की सब्जियों की बुआई से पहले बीजों का उपचार कर लेना चाहिए। बीजों को बावस्टिन एक से डेढ़ ग्राम प्रति किलो की दर से उपचारित कर सकते हैं।
खाद और उर्वरक :
इन सब्जियों में उचित उत्पादन के लिए देसी खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें 15 से 20 टन प्रति हैक्टेयर की दर से सड़ा हुआ गोबर का खाद, नत्रजन 80 से 100 किलो, फास्फोरस 40 किलो, पोटास 40 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से काम में लें। देसी खाद, फास्फोरस व पोटास की पूरी मात्रा और नत्रजन की एक तिहाई मात्रा बुवाई के समय भूमि में मिलकर देवें । शेष नत्रजन को दो बराबर भागों में बांटकर खड़ी फसल में 20-25 दिन बाद व फूल आने के समय देनी चाहिए।
सिंचाई:
इनकी फसल के लिए ड्रिप सिंचाई श्रेष्ठ रहती है। इससे पौध का संरक्षण ठीक से हो जाता है।
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